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Thursday, March 10, 2011

तेरी याद में आँखों से अश्क रुकते नहीं
तुम्हे अपना माना था
ये मेरा दिल अब मानता क्यों नहीं


दे दिया था अपना दिलो जान तुम्हे
मान लिया था अपना भगवान तुम्हे
चल दी तुम ले के जान मेरी
अब कुछ ना बचा पहचान मेरी...

1 comment:

  1. अब कुछ ना बचा पहचान मेरी...

    हृदयस्पर्शी भाव .... सुंदर रचना ...

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