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Monday, February 4, 2013

खुशिया बेशुमार

तुम से मिला तो कलियों में भी निखार आ गयी
खोयी हुयी जिन्दगी में खुशिया बेशुमार आ गयी

तुम्हारे हसने से बादलो से बरसात आ गयी
तुम्हारे बोलने से कोयल को भी गीत-मल्हार आ गयी
चलने को तो साथ चल देता तेरे मै भी
लेकिन एक एक पग पर काटो की भरमार आ गयी
तुम खुश रहो , तुम चलती रहो , आगे बढती रहो
तुम्हारी खुशियों से ही मेरे जीवन में बहार आ गयी !
.................रवि तिवारी ..................

1 comment:

  1. सुंदर भाव...
    एक बात बताऊं....
    तुमसे मिला तो कलियों में निखार आ गया....ये होगा....
    अगर खराब लगे तो टिप्पणी हटा सकते हैं...

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