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Friday, July 22, 2011

छोटी छोटी शायरी !!


तेरे शहर में अब मेरा मन लगता नहीं
जिसे अपना समझा वो अपना समझती नहीं ..!!

भूल कर भी उसे भूल ना पाया
हमेशा अपनी यादो में पाया ..!!

तेरी चाहत में बैठे रहे वो ज़माने से लड़कर
तुम चल दी उसी का दामन छोड़ कर..!!

न जीने को जी चाहता है ना मरने को
बीच भवर में डूब जाने को जी चाहता है ..!!

काश कोई अपना होता जिसे हम अपना कहते
आ जाती हकीकत में कभी ना हम उसे सपना कहते..!!

हम तो आज भी उनके इन्तजार में बैठे है
सितारों की महफ़िल सजाये बैठे है..!!

उसकी फरियाद ही तो अब जीने नहीं देती
उफ़ ये जमाना है कि मरने नहीं देता...!!

अँधेरे में ही जीता था अँधेरे में ही जिऊंगा
अब तो सुबह और शाम हमेशा पियूँगा ..!!

Saturday, July 16, 2011

आशिक

आशिक मरते नहीं कब्र में दफनाये जाते है
कब्र खोदकर देखोगे तो इन्तजार में पाए जाते है .............रवि तिवारी !

Friday, July 15, 2011

कायरो की तरह क्यों जीते हो


कायरो की तरह क्यों जीते हो
टुकडो में रोज रोज क्यों मरते हो
क्या खून नहीं तेरा पानी है
इसको ही कहते हो जवानी है
तुम भी बन सकते हो आज़ाद , भगत
सिर्फ एक धार दिखानी बाकी है
उस वक़्त भी गंगा में पानी था
वीर कुवर सिंह जैसा कोई नहीं सानी था
तुम भी बन सकते हो विश्व गुरु
बस एक बार हो जाओ सब शुरू
माँ भारती तुम्हे पुकार रही
आज वतन तुम्हारा कराह रहा
जो दर्द सहा है वीरांगनाओ ने
क्या उसके दर्द को तुम भूल गए
कायरो की तरह क्यों जीते हो
टुकडो में रोज रोज क्यों मरते हो
चलो चलो देश के नौजवानों
माता -बहनों और किसानो
निकाल लो म्यान से तलवारे
वतन के दुशमन को दिखा दो
तुम भी हो माँ भारती के सपूत
तुम भी हो माँ भारती के सपूत
..........रवि तिवारी .....

Wednesday, July 13, 2011

भारत के भाग्य विधाता


जय हो , जय हो, जय हो, जय हो , जय हो
भारत के भाग्य विधाता तेरी सदा ही जय
भगत,चंद्रशेखर,आज़ाद तेरी सदा ही जय
देश के लिए शहीद होने वाले तेरी सदा ही जय
हम सबको सुख शांति देने वाले
अमन -चैन की जीवन देने वाले तेरी सदा ही जय
लेकिन अब ,
इस देश के लुटेरे का क्या कहना
कोई इनको जूते की माला पहना
जनता की आवाज़ सारे फोन में खा गए
2 G हो या ३ G सब खा गए जी
सारा खेल चौपट कर गए जी
खेल खेल में रास्ट्र का मंडल खा गए जी
थोडा ही नहीं बण्डल के बण्डल खा गए जी
मंद मोहन हो या कालमाडी या हो कानी मोझी
किसी ने भी जनता की दर्द नहीं बुझी
अबकी तुम भी मत चुप रहना ऐ भैया
बैलेट की ताकत दिखा देना ऐ भैया
इन हरामखोरो की धुल चटा देना ऐ भैया
इन लुटेरो का राज मिटा देना ऐ भैया
इन लुटेरो का राज मिटाना देना ऐ भैया
............रवि तिवारी.........

Monday, July 11, 2011

हम तुम्हे याद नहीं करते


कौन कहता है हम तुम्हे याद नहीं करते
सुबह -शाम तेरी ही फ़रियाद करता हु
सब लोग कहते है तू वेबफ़ा निकली
मै कहता हु तुझे वक़्त ने धोखा दिया
खुश रहो तुम इसमें ही मेरी ख़ुशी है
फूलो सी खिली रहो
चमन में महकती रहो
चांदनी रात में झिलमिलाती रहो
तुम्हे देखता हु अब भी ख्यालो में
खुश होता हु दिल ही दिल में
सब कहते है तू वेबफ़ा निकली
मै जानता हु तुझे वक़्त ने धोखा दिया
..........रवि तिवारी ........

Monday, July 4, 2011

घोर अन्धकार है

घोर अन्धकार है ,देश में हाहाकार है
कश्मीर से बिहार तक , केरल से बंगाल तक
लुट का बाजार है
सो गए है युवा आजकल
काल सेण्टर की दूकान में
भारत माता रो रही है
नेताओ ने लुटा है
लालकिला भी शांत है
कहा खो गए हो वीर युवा
आकर स्वर से स्वर मिलाओ
तुफानो से लड़ना है
गद्दारों को सबक सिखाना है
आंधियो की राह बदल दो
दुश्मनों की चाल बदल दो
हर राह के राही हो तुम
जात पात का भेद मिटा दो
आग लगा दो इन नारों में
दूर भगा दो गद्दारों को
देश के दुश्मन नेताओ को
देश के दुश्मन नेताओ को
जय हिंद
......रवि तिवारी ......