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Wednesday, March 9, 2011

जब से  वो आई जीवन में 
खुशियों की बहार आ गयी 
चल रहा था कभी मै भी अकेले 
खोया खोया रहता था 
 जब से साथ उनका मिला 
लगता है ,सारा जहा मिल गया 
उनका  मिलना साथ चलना 
फूलो का खिलना , वाह  !
जब वो चलती ही बागो में
फुल भी झूम जाते  है 
पेड़,पौधे ,नदी,झरने , पर्वतों से 
गीत गूंजने  लगते है 
उनको देख के मयूर भी 
झुमने लगते है 
कैसा वो आलम होगा , कैसा वो मंजर होगा 
जब उनका साथ , जीवन भर का होगा 
सपना सारा सच होगा 
जब उनका  हाथ मेरे हाथ में होगा !!!!
 ......रवि तिवारी ..........








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