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Thursday, September 15, 2011

यह कैसी मज़बूरी है


भारत की यह कैसी मज़बूरी है
हर तरफ सिर्फ गोली बारी है
संसंद में भी गिदडो की सभा बैठी भारी है
यह कैसी तैयारी है , यह कैसी लाचारी है
नाली के कीड़े शर्म के मारे नाली में ही डूब रहे है
गली के कुते भी अब नेताओ के नाम पर थूक रहे है
लाल किला की जागीर पर देखो कुते कैसे भोंक रहे है
संसंद की गलियारों में अब तो चोरो की जमींदारी है
देश तड़प रहा है अब तो रोज रोज बम के धमाको से
लेकिन नेताओ को फुर्सत नहीं जेल में बैठे दामादो से
आतंकवादी मजे लुट रहे है बैठ के फाइव स्टार जेल में
तब तक इन नेताओ को ही तल दो अब गरम तेल में
देश की इस सत्ता पर देखो विदेशी का अधिकार है
कुछ गद्दारों और देश द्रोहियों का भी इसमें हाथ है
अब गिद्दो को भी देखा दो भारत में कैसे होता चमत्कार है
संसद की गलियारों से उठाकर इनको भी अब भेज देना है
दामादो के साथ साथ ससुरो को भी फासी दे देना है !!
.................जय हिंद , जय भारत ......

Thursday, September 8, 2011

तुम्हारा हो गया........


कब तुम्हारे साथ तुम्हारा हो गया
कब तेरे प्यार के बंधन में बंध गया
सुबह से शाम तेरा ही होने लगा
दिल में तेरी ही उमंगें खिलने लगा
फूलो की खुशबु हवा में समाने लगी
बागो में मोर नाचने लगे
कोयल भी गीत गाने लगी
अब तो मै प्रेम कविता में डूबने लगा
कभी मेरे अरमानो के भी लगेंगे पंख
आज नहीं तो कल बरसेंगे
प्यासे नहीं अब और तरसेंगे
ना जाने,कब तुम्हारे साथ तुम्हारा हो गया
कब तेरे प्यार के बंधन में बंध गया
खोया रहता हु अब तेरे ही ख्यालो में
तेरे सपने और सवालो में
अब आ भी जाओ
हलके हलके ही सही
लेकिन बरसात करा जाओ
इन बादलो की आख मिचोली में
एक उम्मीद की किरण जगा जाओ
एक उम्मीद की किरण जगा जाओ
...........रवि तिवारी................

Sunday, September 4, 2011

काजल


तेरे नैनों का काजल
कर देता है मुझको घायल
जब देखता हु तुमको
खो जाता हु ख्यालो में
वीणा की तारो में
पायल की झंकारो में
हुस्न की गहराई में
रेशमी घने जुल्फों में
तेरे नैनो का काजल
कर देता है मुझको घायल
जब आती हो काजल लगाकर
खो जाता हु ख्वाबो में
तेरी ही यादो में
पलाश के फूलो में
तेरे कजरारे नैनों की
झील की गहराई में
सावन के महीने में
रिमझिम फुहारों में
ये तेरे नयनो का काजल
कर देता है मुझे घायल
कर देता है मुझे घायल
.....रवि तिवारी.....