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Thursday, February 24, 2011


अब कितना चूर चूर करोगे इस तन्हा दिल को,
दो-चार दिल होता तो दे देता और खेलने को ......


बहुत हो गया अब ये दिल का खेल 
जी जी के मरने के काबिल भी न रहा ये दिल ...

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