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Saturday, February 12, 2011

साथ दो पल बिता कर तो देखो


तुम्हारे आने के इंतज़ार में बैठा रहता हु
खोया रहता हु तुम्हारे ख्यालो में
देखता रहता हु नीले गगन को
आकाश में उड़ते हुए पंछियों को
वो लाल लाल गुलाब के फूलो को
तुम आती तो ,तुम्हारे लिए
गुलाब से लाली चुरा लेता
पलकों पे बिठा लेता
नीले गगन की गहराई से
पर्वतो की उचाई से
मदिर की घंटियों से
तुमको छुपा देता
तुम्हारे जाने की जिद को
अपने दिल में दबा देता
कभी पास आकर  तो देखो
मुझे नजर मिला के तो देखो
साथ दो पल बिता कर तो देखो
साथ दो पल बिता कर तो देखो
........रवि तिवारी...........

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