जिसे अपना मानो वो गैर समझता है
जिसपे विश्वास करो करो वो लाचार समझता है
इसीलिए तो दिल में दर्द रहता है
बन जाऊंगा कठोर अब
हो जाऊंगा सबसे दूर अब
लिखने को दिल करता है
लेकिन, दर्द ही लिख देता हु
हसने को दिल करता है
लेकिन, मायूस हो जाता हु
बंद कर दिया लिखना
बंद कर दिया अब हसना
चुप ही रहूँगा
कुछ न कहूँगा
अब कुछ न कहूँगा
....रवि तिवारी....
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