जब से वो आई जीवन में
खुशियों की बहार आ गयी
चल रहा था कभी मै भी अकेले
खोया खोया रहता था
जब से साथ उनका मिला
लगता है ,सारा जहा मिल गया
उनका मिलना साथ चलना
फूलो का खिलना , वाह !
जब वो चलती ही बागो में
फुल भी झूम जाते है
पेड़,पौधे ,नदी,झरने , पर्वतों से
गीत गूंजने लगते है
उनको देख के मयूर भी
झुमने लगते है
कैसा वो आलम होगा , कैसा वो मंजर होगा
जब उनका साथ , जीवन भर का होगा
सपना सारा सच होगा
जब उनका हाथ मेरे हाथ में होगा !!!!
......रवि तिवारी ..........
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