बहुत खूब ...
रवि जी इतनी छोटी सी कविता ने बहुत कुछ कह दिया .होता है ऐसा सामने सब बयां नहीं किया जाता-प्यार की राह कुछ अजीब ही है -धन्यवाद शुक्लाभ्रमर५ surenrashuklabhramar.blogspot.com
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ReplyDeleteरवि जी इतनी छोटी सी कविता ने बहुत कुछ कह दिया .होता है ऐसा सामने सब बयां नहीं किया जाता-प्यार की राह कुछ अजीब ही है -धन्यवाद
ReplyDeleteशुक्लाभ्रमर५
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