दिल ही दिल में उन्हें याद करता हु ,
उनके ही इन्तजार में बैठा रहता हु
कब आयंगे वो ,ख्यालो में खोया रहता हु
सुबह से शाम तक सोचता रहता हु
सताने की उन्होंने कसम खा रखी है
हमने भी इन्तजार करने की जिद कर ली है
उनको अब मै बोलू ,
अपने दिल से ही क्या खेलु
उन्हें अपना मान लिया है
दिल-ओं-जान से प्यार किया है
वो मेरी है ,जान से प्यारी है
किस्मत हमारी है
उनकी ख़ुशी में ख़ुशी हमारी है !
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