उनकी आँखों में देखा है वो झील सी गहराई
साँसों में देखी है एक अजब सी महक
दिल की वो बेचैनी,आज तक ना समझ आई
जब उन्हें देखा तो मन में एक ही ख्याल आया
फूलो से भी कोमल ,परियो की दुलारी
अपनी इस जान से भी प्यारी
राजकुमारी की नैनों का काजल बन जाऊ
उनके सफ़र का साथी बन जाऊ
साथ चल दू, मै उनके वो हमसफ़र बन जाऊ ..!!
...............रवि तिवारी ......
Sunder manobhav...... achchi rachna ...Badhai
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