ना मरने को जी चाहता है ना जीने को जी चाहता है
बीच भवर में डूब जाने को जी चाहता है
ख्वाबो और ख्यालो में बहुत खो चूका
अब हकीकत में घर बसाने को जी चाहता है
तेरे इन्तजार में सारा जीवन न बीत जाये
अब तो करीब आने को जी चाहता है
पी लिया बहुत गम का प्याला
अब तो ख़ुशी का पैमाना छलकाने को जी चाहता है
बहुत जी लिया तन्हाई में
अब तो तेरे साथ ही जीने को जी चाहता है
.............रवि तिवारी........
Nice one Raviji.
ReplyDeleteMaya
Marketing Manager - Ayurvedic Product Kamalahar
nice.....
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