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Thursday, September 8, 2011
तुम्हारा हो गया........
कब तुम्हारे साथ तुम्हारा हो गया
कब तेरे प्यार के बंधन में बंध गया
सुबह से शाम तेरा ही होने लगा
दिल में तेरी ही उमंगें खिलने लगा
फूलो की खुशबु हवा में समाने लगी
बागो में मोर नाचने लगे
कोयल भी गीत गाने लगी
अब तो मै प्रेम कविता में डूबने लगा
कभी मेरे अरमानो के भी लगेंगे पंख
आज नहीं तो कल बरसेंगे
प्यासे नहीं अब और तरसेंगे
ना जाने,कब तुम्हारे साथ तुम्हारा हो गया
कब तेरे प्यार के बंधन में बंध गया
खोया रहता हु अब तेरे ही ख्यालो में
तेरे सपने और सवालो में
अब आ भी जाओ
हलके हलके ही सही
लेकिन बरसात करा जाओ
इन बादलो की आख मिचोली में
एक उम्मीद की किरण जगा जाओ
एक उम्मीद की किरण जगा जाओ
...........रवि तिवारी................
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