कौन कहता है हम तुम्हे याद नहीं करते
सुबह -शाम तेरी ही फ़रियाद करता हु
सब लोग कहते है तू वेबफ़ा निकली
मै कहता हु तुझे वक़्त ने धोखा दिया
खुश रहो तुम इसमें ही मेरी ख़ुशी है
फूलो सी खिली रहो
चमन में महकती रहो
चांदनी रात में झिलमिलाती रहो
तुम्हे देखता हु अब भी ख्यालो में
खुश होता हु दिल ही दिल में
सब कहते है तू वेबफ़ा निकली
मै जानता हु तुझे वक़्त ने धोखा दिया
..........रवि तिवारी ........
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