Total Pageviews

Monday, July 4, 2011

घोर अन्धकार है

घोर अन्धकार है ,देश में हाहाकार है
कश्मीर से बिहार तक , केरल से बंगाल तक
लुट का बाजार है
सो गए है युवा आजकल
काल सेण्टर की दूकान में
भारत माता रो रही है
नेताओ ने लुटा है
लालकिला भी शांत है
कहा खो गए हो वीर युवा
आकर स्वर से स्वर मिलाओ
तुफानो से लड़ना है
गद्दारों को सबक सिखाना है
आंधियो की राह बदल दो
दुश्मनों की चाल बदल दो
हर राह के राही हो तुम
जात पात का भेद मिटा दो
आग लगा दो इन नारों में
दूर भगा दो गद्दारों को
देश के दुश्मन नेताओ को
देश के दुश्मन नेताओ को
जय हिंद
......रवि तिवारी ......

No comments:

Post a Comment