उजाले की खोज में निकला था
अँधेरा और बढ़ता ही गया
मै मदहोश नहीं ,बेहोश हु
लोग मय खाने में पीते है
मैंने तो पूरा मय खाना ही पी लिया !!
उनको अपने दिल में बसाया था अपना बना के,
उन्होंने दिल को तोड़ा शीशा समझ के !!
अँधेरा और बढ़ता ही गया
मै मदहोश नहीं ,बेहोश हु
लोग मय खाने में पीते है
मैंने तो पूरा मय खाना ही पी लिया !!
उनको अपने दिल में बसाया था अपना बना के,
उन्होंने दिल को तोड़ा शीशा समझ के !!
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