तुम भी चलो, हम भी चले
सब मिल के एक साथ चले
खा लो कसम जी जान की
अब न हटेंगे पीछे कभी
देश हमारा जान है
खतरे में तिरंगे की शान है
गद्दारों को सबक सिखाना है
अब हम सब को एक हो जाना है
जो भी करे अब गद्दारी
उसकी तोड़ दे हम सब से यारी
तुम भी चलो, हम भी चले
सब मिल के एक साथ चले
बहुत हो गया अत्याचार
बहुत हो गया व्यभिचार
हो जायो अब तुम होशियार
जाग गया है "प्रत्यंचा"परिवार
एक एक को सबक सिखा देंगे
ईट से ईट बजा देंगे
ईट से ईट बजा देंगे
.....रवि तिवारी .....
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