तुमसे मिलने की आस में बीत गया एक अरसा
अब ये दिल लगता नहीं, और ना मुझको तरसा
अब तो दिल का यही है कहना
तेरे बिन कभी नहीं रहना
साथ में जीना, साथ में मरना
ओ मेरी वर्षा
जो तू आ जाये गजब हो जाये
दिल में खुशियों का चिराग जल जाये
ख्वाब, हकीकत में बदल जाये
सारे सपने सच हो जाये
फिजा में भी बहार आ जाये
ओ मेरी वर्षा
तेरे हाथो में मेहँदी लगा दू
तुझे गहनों से सजा दू
अपने प्यार से नहला दू
काजल लगा के खुबसूरत बना दू
लाल जोड़े में प्यारी सी दुल्हन बना दू
ओ मेरी वर्षा
तुम से मिलने की आस में बीत गया एक अरसा
अब तो आ भी जा,
अब और ना मुझको तरसा
ओ मेरी वर्षा
........रवि तिवारी.......
दिल की भावनाओं को पिरो कर शब्दों में ,
ReplyDeleteमैंने कह दिया जो कहना था !
अब इन्हें करो तुम स्वीकार या इंकार -
मैंने तो अपने प्यार का इज़हार कर दिया ..!!
kaun hai ye varsha...... ravi ji....
ReplyDeletesave girl.....yah ek kalpna thi jo saakaar kabhi na ho saki....
ReplyDeletejindgi ki sabse badi bhool