उनसे पहली मुलाकात का दिन ,
इतिहास के पन्नो में लिख लूंगा,
उनकी बिंदी को रौशनी बना लूँगा,
उनकी चेहरे की लाली में
शाम को छुपा दूंगा
आँखों की रौशनी से
सवेरा भी घबरा जायेगा
जब वो बोलेगी तो
कोयल भी सोचने लगेगी
जब चल देगी अपने कदमो से तो
पायल की छम छम से
मोरनी को भी जलन होगी
जिस दिन वो मेरे घर आएगी
उस दिन होली क्या
दिवाली क्या
खुशियों की बरसात होगी
.......रवि तिवारी.....
इतिहास के पन्नो में लिख लूंगा,
उनकी बिंदी को रौशनी बना लूँगा,
उनकी चेहरे की लाली में
शाम को छुपा दूंगा
आँखों की रौशनी से
सवेरा भी घबरा जायेगा
जब वो बोलेगी तो
कोयल भी सोचने लगेगी
जब चल देगी अपने कदमो से तो
पायल की छम छम से
मोरनी को भी जलन होगी
जिस दिन वो मेरे घर आएगी
उस दिन होली क्या
दिवाली क्या
खुशियों की बरसात होगी
.......रवि तिवारी.....
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