भूल कर भी तुझे भूल नहीं पाया
कभी यादो में कभी ख्यालो में पाया
अनजान इन राहों पे चलता ही रहा
लेकिन मंजिल न मिल पाया
अश्को की दरिया बहते ही रहा
तेरी यादो में हमेशा खोया ही रहा
तेरा इस तरह से आना
बेगाने की तरह जाना
आज तक मै समझ ही नहीं पाया
लेकिन भूल के भी तुम्हे भूल न पाया
कभी याद आऊ तो याद कर लेना
अब ना मिल पाऊ तो ना फ़रियाद करना
तू मुझे भूल गयी वर्षा
लेकिन मै तुम्हे भूल के भी भूल ना पाया
............रवि तिवारी .......
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