यह दिल क्यों किसी को याद करता है..
आँखों में अब इंतज़ार ही रहता है,
चिराग-ऐ-दिल बुझ न जाये
आंसूओ से समुन्दर भर ना जाये
रात का सपना ,सुबह बिखर रहा है
अब तो वो आते है मौसम की तरह
ना गरजते है , ना बरसते है
भूल गए गर्जना , भूल गए बरसना
अब तो आता है सिर्फ उनको तरसाना
खुश था, अपनी ख़ुशी से मै
मस्ती में, मस्त था मै
उनकी यादों में ही समय बीत जाये
इसी उलझन में ही व्यस्त हु
यह दिल क्यों किसी को याद करता है
आँखों में अब इंतज़ार ही रहता है.....
.............रवि तिवारी............
Kon h vo
ReplyDelete