ना इंतज़ार करो, ना ऐतबार करो
खुद को देखो,
क्या थे ,और क्या हो गए
समय बदल रहा है, इंसान बदल रहे है
आकाश, गगन, धरती, सितारे
नदी ,नाले सब बदल गए
पीछे मुडके कभी नहीं देखा
आगे ही जा रहे हो, सब कुछ छोड़ दिया पीछे
जो अपना था उसे भूल गए
वो प्यार, वो रिश्ते, वो नाते, वो कसमे वादे
सबको भूल के आगे चल दिए, बहुत आगे
लेकिन खुश हु की , हम न सही आप तो चल दिए
मेरे साथ न सही, अकेले ही चल दिए
कभी याद आये तो याद करना
किसी और से न फ़रियाद करना
आपका था ,आपका ही रहूँगा
साथ न सही, अकेले ही जी लूँगा ..
............रवि तिवारी...
Kya baat h
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