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Wednesday, July 13, 2011

भारत के भाग्य विधाता


जय हो , जय हो, जय हो, जय हो , जय हो
भारत के भाग्य विधाता तेरी सदा ही जय
भगत,चंद्रशेखर,आज़ाद तेरी सदा ही जय
देश के लिए शहीद होने वाले तेरी सदा ही जय
हम सबको सुख शांति देने वाले
अमन -चैन की जीवन देने वाले तेरी सदा ही जय
लेकिन अब ,
इस देश के लुटेरे का क्या कहना
कोई इनको जूते की माला पहना
जनता की आवाज़ सारे फोन में खा गए
2 G हो या ३ G सब खा गए जी
सारा खेल चौपट कर गए जी
खेल खेल में रास्ट्र का मंडल खा गए जी
थोडा ही नहीं बण्डल के बण्डल खा गए जी
मंद मोहन हो या कालमाडी या हो कानी मोझी
किसी ने भी जनता की दर्द नहीं बुझी
अबकी तुम भी मत चुप रहना ऐ भैया
बैलेट की ताकत दिखा देना ऐ भैया
इन हरामखोरो की धुल चटा देना ऐ भैया
इन लुटेरो का राज मिटा देना ऐ भैया
इन लुटेरो का राज मिटाना देना ऐ भैया
............रवि तिवारी.........

1 comment:

  1. कब तक नासमझी की डोर पकड़ें हम
    अब तो हालात बदलना होगा
    दो कदम हम साथ चलते हैं
    दो कदम तुमको भी चलना होगा ....
    डॉ रत्नेश त्रिपाठी

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