Total Pageviews

Thursday, February 7, 2013

क्यूँ मै मौन हूँ ?

लोग मुझसे पूछते है,आज क्यूँ मै मौन हूँ ?
प्रेरणा के स्त्रोत सूखे ,कल्पना है मर गई ,
मौत के साए से यूं ,जिंदगी है डर गई
स्तब्ध सा मै देखता हूँ ,सत्य है या सपन है
पूछता हूँ मै स्वयं से ,कौन हूँ मै कौन हूँ ?
रूप कितने जन्म कितने ,मै बदलता आ रहा ,
ज्ञान का यह बोझ हूँ मै ,व्यर्थ ढोता जा रहा ,
युगों युगों से पूछता आया प्रश्न मै एक ही
न जिसका उत्तर मिल सका कौन हूँ मै कौन हूँ ?
गीत कितने छंद कितने ,मै बदलता जा रहा ,
अस्पष्ट सा जो दीखता ,स्पष्ट न कह पा रहा ,
गीत है लय बदलते ये ,स्वर मगर रहता वही,
हर गीत मेरा पूछता ,कौन हूँ मै कौन हूँ ?
लोग मुझसे पूछते है आज क्यूँ मै मौन हूँ ?
................. बंटी पाण्डेय ...........

Monday, February 4, 2013

खुशिया बेशुमार

तुम से मिला तो कलियों में भी निखार आ गयी
खोयी हुयी जिन्दगी में खुशिया बेशुमार आ गयी

तुम्हारे हसने से बादलो से बरसात आ गयी
तुम्हारे बोलने से कोयल को भी गीत-मल्हार आ गयी
चलने को तो साथ चल देता तेरे मै भी
लेकिन एक एक पग पर काटो की भरमार आ गयी
तुम खुश रहो , तुम चलती रहो , आगे बढती रहो
तुम्हारी खुशियों से ही मेरे जीवन में बहार आ गयी !
.................रवि तिवारी ..................

Monday, April 16, 2012

हमेशा साथ चलती रहो


कुछ तुम कहो ,कुछ मै सुनु
बात यु ही चलती रहे
जीवन के पथ पर गीत गाती रहो
रास्ते के काटे हटाती रहो
बाहों में बाहे डालकर
नजरो से वार करती रहो
जीवन के सफ़र में हमसफर बनकर
हमेशा साथ चलती रहो
कुछ तुम कहो,कुछ मै सुनु
बात यु ही चलती रहे
बारिश की बूंदों से
आँखों के काजल से
प्यार की मोती पिरोती रहो
तुम यु ही साथ निभाती रहो
हमेशा साथ चलती रहो
हमेशा साथ चलती रहो ..!
....रवि तिवारी ....

Saturday, February 11, 2012

तुम्हारा क्या जाता.....


दो कदम साथ चल देते तो
तुम्हारा क्या जाता
जिन्दगी भर का साथ बना लेते तो
तुम्हारा क्या जाता
हमसे प्यार निभा लेते तो
तुम्हारा क्या जाता
गर मुझे हमसफ़र बना लेते तो
तुम्हारा क्या जाता
एक नयी दुनिया बसा लेते तो
तुम्हारा क्या जाता
तुम हमारे हो जाते , हम तुम्हारे हो जाते
तो हमारा क्या जाता ........!!!

अपनों के बीच गैर बना के .


कहते थे साथ चलेंगे अपना बना के
हाथो में हाथ लेकर प्यार निभाने
न तुम चले ,न तुम्हार प्यार चला
बीच में ही चल दिए बेगाना बना के
सपनो की दुनिया का ख्वाब दिखा के
एक रंगीन हसीन महल बनाके
चल दिन खुद ही
अपनों के बीच गैर बना के ......!!

Thursday, October 27, 2011

कभी अपना तो मानो


ख्वाब बहुत है दिल के अन्दर कभी इसको तो जानो
कैसे बताऊ तुझे कभी अपना तो मानो
तेरे ही ख्यालो में खोया रहता हु
बेगानों की गली में रोता रहता हु
ना जाने कब तुमसे मुलाक़ात होगी
तुमसे दिल ही दिल में दिल की बात होगी
एक झलक पाने को तरसता रहता हु
साथ चलने को तडपता रहता हु
ख्वाब बहुत है दिल के अन्दर इसको तो जानो
कैसे बताऊ तुझे कभी अपना तो मानो
फुल ना सही काटे ही बना कर रखो
दोस्त ना सही दुश्मन ही मान कर रखो
अपना ना सही बेगाना ही बना कर रखो
कभी खुद को देखो,कभी मुझको देखो
लेकिन एक नजर मिला कर तो देखो
अपना ही हु , अपना ही नजर आऊंगा
यही हकीकत है तुम इसे जानो या ना जानो
ख्वाब बहुत है दिल के अन्दर इसको तो जानो
कैसे बताऊ तुझे कभी अपना तो मानो
...........रवि तिवारी ...............

Thursday, September 15, 2011

यह कैसी मज़बूरी है


भारत की यह कैसी मज़बूरी है
हर तरफ सिर्फ गोली बारी है
संसंद में भी गिदडो की सभा बैठी भारी है
यह कैसी तैयारी है , यह कैसी लाचारी है
नाली के कीड़े शर्म के मारे नाली में ही डूब रहे है
गली के कुते भी अब नेताओ के नाम पर थूक रहे है
लाल किला की जागीर पर देखो कुते कैसे भोंक रहे है
संसंद की गलियारों में अब तो चोरो की जमींदारी है
देश तड़प रहा है अब तो रोज रोज बम के धमाको से
लेकिन नेताओ को फुर्सत नहीं जेल में बैठे दामादो से
आतंकवादी मजे लुट रहे है बैठ के फाइव स्टार जेल में
तब तक इन नेताओ को ही तल दो अब गरम तेल में
देश की इस सत्ता पर देखो विदेशी का अधिकार है
कुछ गद्दारों और देश द्रोहियों का भी इसमें हाथ है
अब गिद्दो को भी देखा दो भारत में कैसे होता चमत्कार है
संसद की गलियारों से उठाकर इनको भी अब भेज देना है
दामादो के साथ साथ ससुरो को भी फासी दे देना है !!
.................जय हिंद , जय भारत ......