Total Pageviews

Friday, February 25, 2011

क्या वो दिन .....


क्या वो दिन थे, क्या वो प्यार था 
वादे किये थे , कसमे खाए थे
सात जन्मो का साथ देने का 
खुद चल दिए ख़ुशी के दामन थाम के 
और मुझे छोड़ दिया अश्को के सागर में 
जी रही थी ख़ुशी ख़ुशी मै
आँखों में सुनहरे सपने सजोये 
दिल ही दिल में ख्वाब सजोये 
हाय रे निर्दयी ,तुझे दया भी ना आई 
कुछ ना सोचा , कुछ ना समझा 
जी रही थी तेरे सहारे 
अब मै जीयू किसके सहारे
आँखों से अश्क रुकते नहीं 
तेरी याद जाती नहीं 
दिल को कितना समझाऊ 
दिल नादान समझता नहीं 
हाय रे बेदर्दी ,तुझे दर्द भी ना हुआ 
अब जीयू मै किसके सहारे 
तू खुश हो गया अपना घर बसा के 
मुझे जिन्दा ही मार गया तू 
मेरा घर जला के ..
मेरा घर जला के.
....रवि तिवारी .....

Thursday, February 24, 2011

bedard

जिसके इंतजार में बैठा हु, उन्हें आने की फुर्सत नहीं
चला जाऊ महफ़िल से तो बोलेंगे इस बेदर्द को मेरी "फिक्र "नहीं ...

अब कितना चूर चूर करोगे इस तन्हा दिल को,
दो-चार दिल होता तो दे देता और खेलने को ......


बहुत हो गया अब ये दिल का खेल 
जी जी के मरने के काबिल भी न रहा ये दिल ...

Tuesday, February 22, 2011

तुम से मिलना,  मौसम बदलना 
फूलो की खुश्बू
गगन में फैलना 
आँखों का मिलन , चिडियों का चहचहाना
सुहाना मौसम 
नीला आसमान 
फिजा में बहार ....

Monday, February 21, 2011

इस से पहले की तू मुझे भूल जाये 
मै खुद को ही भूल जाऊंगा 
इस से पहले की तू  मेरे दिल को तोड़ो ,
खुद ही अपना दिल तोड़  जाऊंगा 
इस से पहले की आँखों में आंसू आये 
दिल की दरिया बहा जाऊंगा 
इस से पहले की तू मुझे याद आये 
तेरी यादो को भूल जाऊंगा 
तू मेरा इंतजार ना करना
मै तेरा इंतजार करते रहूँगा
इस से पहले की आह निकले तेरे दिल से
मै अपना दिल तोड़ जाऊंगा
गम के सागर में मर जाऊंगा 

याद है मुझे अब भी वो बीता हुआ दिन
इन हसीं वादियों में मिले थे कभी हम तुम ...

Sunday, February 20, 2011


चेहरे पे कई चेहरा लगाते है लोग
पर असली चेहरा नहीं छुपा पाते है लोग ...........
मुस्कुराती रहो हमेशा इस गुलाब की तरह 
चेहरे पे लाली बनी रहे 
बदन से खुशबु फैलती रहे 
सासों से सरगम निकलती रहे
दिल से दिल तक 
ख्वाबो ही ख्वाबो में 
बात होती रहे 
आप मुस्कुराती रहो..

jakham

जख्म पे मरहम कौन लगाने आएगा अब
रास्ते में अँधेरा ही अँधेरा नजर आता है अब..





उसी रौशनी की आस में जिए जा रहा हु
पल पल की उनकी खबर लिए जा रहा हु .......
आँखों में अश्क ना आ जाये 
चेहरे से हँसी ना चली जाये 
दिल में दर्द ना हो जाये 
बहुत हो गयी रुसवाई 
एक बार तो मुस्कुरा दो
जोर से ना सही 
धीरे धीरे ही मुस्कुरा दो ...

Friday, February 18, 2011

jakham


जख्म पे मरहम कौन लगाने आएगा अब
रास्ते में अँधेरा ही अँधेरा नजर आता है अब..





अब तो इंतजार भी नहीं होता
आँखों से उनका दीदार भी नहीं होता .....



इसी आस में बैठा रहता हु 
कब वो आये ,चमत्कार हो जाये...







ये दिल ....

तेरे आने की आह्ट से खुश हो जाता है ये दिल
न जाये कभी वो, चाहता है ये दिल
कभी उनको कभी खुद को 
देखता है ये दिल 
अब तो दिल की भी यही तमन्ना है  
मेरा हो जाये उनका भी दिल 
सोच सोच के मुस्कुराता है मेरा दिल 
उनके आने से कैसा मंजर होगा
सपने बुनने लगता है ये दिल 
उनके ख्यालो में ही खोने लगता है ये दिल 
दिल ही दिल में मुस्कुराने 
लगता है मेरा दिल 
उनके आने की ख़ुशी में 
बाग़-बाग़ हो जाता है ये दिल 
अब तो जल्दी से आ जाओ 
चुपके से दिल में समा जाओ 
.......रवि तिवारी....


Thursday, February 17, 2011

ईट से ईट बजा देंगे

तुम भी चलो, हम भी चले
सब मिल के एक साथ चले 
खा लो कसम जी जान की
अब न हटेंगे पीछे कभी 
देश हमारा जान है 
खतरे में तिरंगे  की  शान है
गद्दारों को सबक सिखाना है 
अब हम सब को एक हो जाना है 
जो भी करे अब गद्दारी 
उसकी तोड़ दे हम सब से यारी 
तुम भी चलो, हम भी चले 
सब मिल के एक साथ चले 
बहुत हो गया अत्याचार 
बहुत हो गया व्यभिचार 
हो जायो अब तुम होशियार   
जाग गया है "प्रत्यंचा"परिवार 
एक एक को सबक सिखा देंगे
ईट से ईट  बजा देंगे 
ईट से ईट बजा देंगे 
.....रवि तिवारी .....

Wednesday, February 16, 2011

o meri versha


ओ मेरी वर्षा
तुमसे मिलने की आस में बीत गया एक अरसा
अब ये दिल लगता नहीं, और ना मुझको तरसा
अब तो दिल का यही है कहना
तेरे बिन कभी नहीं रहना
साथ में जीना, साथ में मरना
ओ मेरी वर्षा
जो तू आ जाये गजब हो जाये
दिल में खुशियों का चिराग जल जाये
ख्वाब, हकीकत में बदल जाये
सारे  सपने सच हो जाये
फिजा में भी बहार आ जाये
ओ मेरी वर्षा
तेरे हाथो में मेहँदी लगा दू
तुझे गहनों से सजा दू
अपने प्यार से नहला दू
काजल लगा के खुबसूरत बना दू
लाल जोड़े में प्यारी सी दुल्हन बना दू
ओ मेरी वर्षा
तुम से मिलने की आस में बीत गया एक अरसा
अब तो आ भी जा,
अब और ना मुझको तरसा
ओ मेरी वर्षा
........रवि तिवारी.......

Monday, February 14, 2011

अब वो बात ना रही..

अब वो बात ना रही
अब वो प्यार न रहा
मिल के भी मिल न पाए
दूर रह के भी जी ना पाए ..


ना मिले तो गम में खोये थे
ख़ुशी की तलाश में सब से दूर हुए थे
उनसे मिलने की आस में
आस लगाये बैठे थे
उनका आना और दूर से ही चले जाना
आज भी याद है
उनसे रिश्ता बन ना सका तो क्या हुआ
उन्होंने से अश्को से रिश्ता तो बना दिया 






Saturday, February 12, 2011

साथ दो पल बिता कर तो देखो


तुम्हारे आने के इंतज़ार में बैठा रहता हु
खोया रहता हु तुम्हारे ख्यालो में
देखता रहता हु नीले गगन को
आकाश में उड़ते हुए पंछियों को
वो लाल लाल गुलाब के फूलो को
तुम आती तो ,तुम्हारे लिए
गुलाब से लाली चुरा लेता
पलकों पे बिठा लेता
नीले गगन की गहराई से
पर्वतो की उचाई से
मदिर की घंटियों से
तुमको छुपा देता
तुम्हारे जाने की जिद को
अपने दिल में दबा देता
कभी पास आकर  तो देखो
मुझे नजर मिला के तो देखो
साथ दो पल बिता कर तो देखो
साथ दो पल बिता कर तो देखो
........रवि तिवारी...........

Thursday, February 10, 2011

अब वो बात ना रही


अब वो बात ना रही
अब वो प्यार न रहा
उनके इंतज़ार में नींद नहीं आती
और वो है की इंतज़ार नहीं करती
खायी थी कसम,साथ चलूंगी
दिल में अपना घर बसा लुंगी
चल दी अकेले ही
दिल को खेलने का सामान बना के
मैंने सोचा वेवफा का नाम दे दू
दिल ने कहा , कैसे दे दू नाम वेवफा का,
उनके इंतज़ार में तो  अब भी जीता हु
ख़ुशी से न सही,
गम में ही पीता हु
शराब न सही
गम के आंसू ही पीता हु
हस के ना सही
मर मर के ही जीता हु
मर मर के ही जीता हु
.......रवि तिवारी....११/०२/२०११

Tuesday, February 8, 2011

क्या वैलेंटाइन डे ! हर बालक है कृष्ण यहाँ का ; हर बालिका है राधा !

Monday, February 7, 2011

yaade

तुम भूल जाओगी, मुझे तो याद रहेगा
तुम आओ या ना आओ, मुझे तो इंतज़ार रहेगा........

Thursday, February 3, 2011

दिल

ये दिल तोड़ने वाले क्या जाने
दिल को कितनी तकलीफ होती है
आँखों से अश्क तो निकलते नहीं
दिल ही दिल में दर्द होता है....

मत बुझाओ मेरे दिल के चिराग

मत बुझाओ मेरे दिल के चिराग को,
अपने घर में उजाला देता हु मै,
दिल तो एक ही दिया है भागवान ने
नहीं तो दे देता आपको खेलने के लिए दो -चार
हम तो आपकी ख़ुशी के लिए जीते थे
आपने तो मरने के काबिल भी न छोड़ा
इतनी बेरुखी क्या हो गयी
एक बार बोलती तो अपने
आँसू से आपके दिल का चिराग जला दिया होता
आपके पैर को धरती पे न रखने देता
कदमो तले अपना हाथ रख देता
खुश तो इतना रखता की
आपको मेरी भी मिल जाती
आपके सरे दुःख को मै साथी बना लेता
और अपने सारे  सुख को दुश्मन
अरे , गयी भी तो ऐसे गए की
मै सोया ही रहा,सिसकता ही रहा
और आप चुपचाप निकल गयी
मत बुझाओ मेरे दिल के चिराग को
अपने घर में उजाला देता हु मै....
........रवि तिवारी.....

Wednesday, February 2, 2011

बंद आँखे.......

बंद आँखों में अब तुम ही नजर आती हो
अब ये आँखे बंद ही ना हो जाये ,एक बार तो नजर आ जाओ .......

तन्हाइ

वो चली गयी गैरो की गलियों में .
हमें छोड़ गयी तन्हाइयो के गोद में ...

उनसे पहली मुलाकात

उनसे पहली मुलाकात का दिन ,
इतिहास के पन्नो में लिख लूंगा,
उनकी बिंदी को रौशनी बना लूँगा,
उनकी चेहरे की लाली में
शाम को छुपा दूंगा
आँखों की रौशनी से
सवेरा भी घबरा जायेगा
जब वो बोलेगी तो
कोयल भी सोचने लगेगी
जब चल देगी अपने कदमो से तो
पायल की छम छम से
मोरनी को भी जलन होगी
जिस दिन वो मेरे घर आएगी
उस दिन होली क्या
दिवाली क्या
खुशियों की बरसात होगी
.......रवि तिवारी.....

Tuesday, February 1, 2011

sad

उजाले की खोज में निकला था
अँधेरा और बढ़ता ही गया

मै मदहोश नहीं ,बेहोश हु
लोग मय खाने में पीते है
मैंने तो पूरा मय खाना ही पी लिया  !!

उनको अपने दिल में बसाया था अपना बना के,
उन्होंने दिल को तोड़ा शीशा समझ के !!

sad time

मै रो रहा था उनकी याद में
वो खुश थी की बारिश आ गयी !!

अब ना याद दिलाना वो प्यार  का मौसम
आँखों की बरसात भी दगा दे गयी !!

खुद को देखा , उनको देखा , ज़माने को देखा
वो ऐसे गयी की उन्हें  किसी ने नहीं देखा

मत हँसाओ मुझे अब
हसने में भी रोना आता है !!

खुश था सबकी ख़ुशी देख कर
अब तो रोता हु अपनी भी ख़ुशी देख कर  !!

दिल का लेना ,दिल का देना
खेल हो गया अब पुराना
अब तो ना दिल है ,ना दिल का खेल !!